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Showing posts from November, 2025

एक खोई हुई ऊर्जा, एक लहूलुहान आस्था और पुनर्जागरण की हज़ारों वर्षीय यात्रा

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(गुजराट सौराष्ट्रस्थित सोमनाथ मन्दिर का विहंगाबलोकन) मनुष्य का ज्ञान, चाहे कितना भी विस्तृत क्यों न हो जाए, उसके सामने ब्रह्मांड का रहस्य सदैव एक अनुत्तरित प्रश्न बनकर खड़ा रहता है। सभ्यताएँ अपने विज्ञान पर गर्व करती हैं, किंतु अनंत के सामने विज्ञान भी उतना ही विनम्र हो जाता है जितनी आस्था। यही कारण है कि जब विश्वास किसी जनश्रुति को पुष्ट करता है और विज्ञान उसे प्रमाणों से सहलाता है, तब यह संसार अपनी गहनता का एक नया द्वार खोल देता है। भारत, जो असंख्य रहस्यों का प्राचीन पालना है, उसकी मिट्टी में ऐसी अनेक कथाएँ दबी पड़ी हैं, जिनकी प्रतिध्वनि केवल इतिहास ही नहीं, बल्कि भविष्य भी सुनना चाहता है। इस आलेख्य में हम उसी ध्वनि को सुनने का प्रयास करते हैं, एक ऐसे रहस्य की जो धर्म और विज्ञान, पुराण और प्रयोगशाला, आस्था और ऊर्जा सभी को एक ही बिंदु पर लाकर खड़ा कर देता है। यह कथा केवल पढ़ी नहीं जाती यह आत्मा के भीतर उतरती है।  प्राचीन भारत के हृदय में उठती तूफ़ानी लहरें (ज्योतिर्लिंगों का वह मनमोहक दृश्य) सन् 1026 का समय। भारत उस युग में महान समृद्धि के चरम पर था। भव्य मंदिर, विशाल नगर, जीवन्...

श्रद्धा से भविष्य निर्माण तक: SSRVM प्रिंसिपल्स मीट का अविस्मरणीय आयोजन

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(प्रिंसिपल्स मीट के मंच पर कमोडोर एच. जी. हर्षा जी और श्री श्री विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर (डॉ.) तेज प्रताप) 23 और 24 नवंबर 2025 को जब श्री श्री विश्वविद्यालय के शांत-सौम्य परिसर में भोर की पहली रोशनी फैली, तो वातावरण में एक विशिष्ट ऊर्जा महसूस होने लगी। यह वह क्षण था जब पहली बार ऑल इंडिया श्री श्री रविशंकर विद्या मंदिर (SSRVM) प्रिंसिपल्स मीट का आयोजन इस पवित्र भूमि पर होने जा रहा था। पिछले पच्चीस वर्षों से सक्रिय SSRVM ट्रस्ट, जिसके अंतर्गत देशभर में सौ से अधिक विद्यालय संचालित होते हैं, जिस के साथ श्री श्री विश्वविद्यालय, आयुर्वेद अस्पताल और आयुर्वेद महाविद्यालय भी आते हैं, वह इस वर्ष अपने इस महत्वपूर्ण राष्ट्रीय सम्मिलन के लिए श्री श्री विश्वविद्यालय को केंद्र बनाया। देश के विभिन्न राज्यों से आए  प्रिंसिपल्स जब इस हरित, नदी-किनारे स्थित परिसर में उतरे, तो वातावरण में इतिहास लिखे जाने का एहसास था मानो यह बैठक नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक-शैक्षिक यात्रा की नई शुरुआत हो। (अतिथीयों का भव्य और दिव्य स्वागत किया जा रहा है) कार्यक्रम की शुरुआत मौन और साधना से कुछ ऐसी हुई जो केवल आर...

श्री श्री विश्वविद्यालय में HITA-2025: नैतिक और मानव-केंद्रित AI की ओर एक कदम

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(HITA-2025 के मंच पर विराजमान सम्मानित अतिथिगण ) श्री श्री विश्वविद्यालय ने हाल ही में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन "हाइब्रिड इंटेलिजेंस , थ्योरीज़ एंड एप्लिकेशन ( HITA-2025)" के दूसरे संस्करण की मेजबानी की , जिसमें विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े विशेषज्ञों , विद्वानों और शोधकर्ताओं ने भाग लिया। यह सम्मेलन आधुनिक समय के सबसे महत्वपूर्ण विषयों में से एक कृत्रिम बुद्धिमत्ता के सुरक्षित , नैतिक और सामाजिक हित में उपयोग पर केंद्रित था। 20 और 21 नवंबर को कटक के नराज स्थित श्री श्री विश्वविद्यालय के मनोहारी परिसर में यह सम्मेलन विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी संकाय द्वारा एक दो-दिवसीय आयोजन था। जैसे जैसे कृत्रिम बुद्धिमत्ता ( AI) का प्रभाव उद्योगों और दैनिक जीवन में तेज़ी से बढ़ रहा है , ऐसे में यह कार्यक्रम ज़िम्मेदार और कल्याणकारी नवाचार के लिए एक सार्थक मंच सिद्ध हुआ। (HITA-2025 में मंचासीन विशिष्ट अतिथि ) उद्घाटन समारोह में एक मुख्य संदेश बार बार सुनाई दिया, मानव बुद्धिमत्ता ( HI) और कृत्रिम बुद्धिमत्ता ( AI) एक-दूसरे के विरोधी नहीं , बल्कि...